राखी रक्षाबन्धन क्या है ? क्यों मनाते है ?जाने।
जय भीम दीदी मैं तेरा भाई बोल रहा हूँ ।
तेरा घर है तू सौ नहीं हज़ार बार आना ।
ढोंग पाखन्ड से मुँह मोड़ चुका हूँ ।
ब्राह्मण वादी परम्पराओं से नाता तोड़ चुका हूँ ।
सरफरोसी जज्बा कौमी आदी हो गया है।
तेरा भाई पक्का अम्बेडकर वादी हो गया है ।
तेरी रक्षा सुरक्षा से मुझे ऐतराज़ नही है ।
मगर मेरा फर्ज किसी राखी का मोहताज नही है।
दुख दर्द पीर भारत की नारी का ले गये ।
बाबा साहब तो बिन राखी के सारे अधिकार दे गये।
बिगडा हुआ कल था वो आज बना दिया है।
बाबा साहब ने नारी को सरताज बना दिया है ।
मेरा साथ दे और तू भी अपना रुख मोड़ ले ।
दूज दिवाली होली मनाना तू भी छोड़ दे ।
नाराज न होना बहना मेरी परसों खुद लेने आऊंगा ।
प्रीत रीत ओर फर्ज अर्ज राखी बिन सभी निभाऊंगा।
जय भीम, जय भारत
बाबा साहब का शिक्षित बनो, संघर्ष करो... और संगठित रहो!
"
हिन्दु धर्म के त्यौहार कुछ नही, सिर्फ विदेशी आर्यो ब्राह्मणो का जीत का
जश्न और मुलनिवासी राजा :- महाराजा की हत्या और बर्बादी का राज छुपा है...!
#बाबासाहबडाo_भीमराव_अम्बेडकर
#रक्षा-बंधन का त्यौहार :- मुलनिवासी महान बलशाली राजा बलि की हत्या...!
# नवरात्री त्यौहार :- महान राजा महिषासुर की हत्या...!
#दशहरा :- महान बलशाली राजा रावण की हत्या...!
# बौद्ध मौर्य सम्राट :- बृहद्रथ मौर्य की हत्या...!
#होलि त्यौहार :- मुलनिवासी विरांगना होलिका की हत्या...!
ये सभी त्यौहार मुलनिवासी बहुजन समाज का बर्बादी का इतिहास है...!
त्यौहार का मतलब :- तुम्हारी हार...!
*बहुत
दुख की बात है कि समाज अपने पुर्वजो की याद मे शोक की बजाय जश्न मना रहा
है । अपने पुर्वज वीर थे, उनका खुन अपनी रगो मे दौड रहा है, इसलिये अपने
पुर्वजो की याद मे अश्रुभीनी श्रद्धाजंलि....
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