संविधान जलाया गया देश चुप है - हद तो तब हो गई जब सुप्रीम कोर्ट भी चुप |आखिर क्यों?
संविधान जलाया गया देश चुप है
प्रधानमंत्री चुप
राष्ट्रपति चुप
गृहमंत्री चुप
हद तो तब हो गई जब सुप्रीम कोर्ट भी चुप
आखिर क्यों?
क्या अब संविधान की जरूरत नहीं है?
यदि आप को संविधान की जरूरत नहीं है तो आप भी चुप रहे
जिन
लोगों ने संविधान को जलाया जिनके मार्गदर्शन में जलाया संविधान को खत्म
करने की जिन लोगों की सोच है क्या वह कानून को नहीं मानते?
यदि कानून को नहीं मानते हैं संविधान को नहीं मानते हैं
तो फिर पुलिस क्यों?
थाना क्यों?
कोर्ट कचहरी क्यों?
बंद करो पुलिस फौज कोर्ट कचहरी इनकी भी जरूरत नहीं होनी चाहिए फैसले रोड में ही होंगे फिर अब
देश
की अस्मिता बनाए रखने के लिए देश के अंदर सभी नागरिकों को समान अधिकार
देने के लिए संविधान की जरूरत पड़ती है एक सिस्टम की जरूरत पड़ती है जो सभी
के लिए समान रूप से लागू होता है
संविधान जलाया गया इसका मतलब है आप को सिस्टम में विश्वास नहीं मानवता में विश्वास नहीं भाईचारे में विश्वास नहीं है
आपकी सोच देश को उसी पाषाण युग में ले जाने की है जहां इंसान को इंसान नहीं समझा जाता था
उस
व्यवस्था में देश को धकेलने की कोशिश की जा रही है जहां पर इंसान की परछाई
से भी अपवित्र हो जाते हैं पदचिन्ह दिख जाएं तो जमीन अपवित्र हो जाती थी
कहने का तात्पर्य कमर में झाड़ू गले में मटकी फिर से लटकाने की सोच है आपकी
लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं वह दौर कुछ और था अब दौर कुछ और है
संविधान बचाने के लिए
अपने हक और अधिकार बचाने के लिए
अनुनय नहीं अब रण होगा
संघर्ष बहुत भयंकर होगा
यदि संविधान खत्म हो जाता है देश में प्रभावित कौन होगा?
जाहिर तौर पर इसमें बहुजन समाज ही प्रभावित हो
एसटी एससी ओबीसी माइनॉरिटी
इसके सारे अधिकार खत्म कर दिए जाएं अधिकार खत्म करने का मतलब आप मानवीय जिंदगी से दूर पशुता की जिंदगी में पहुंच जाएंगे
शिक्षा का अधिकार खत्म
संपत्ति का अधिकार खत्म
रोटी रोजगार नौकरी का अधिकार खत्म
बोलने की आजादी खत्म
लिखने की आजादी खत्म
गैरबराबरी का वह दौर शुरू होगा जिसमें इंसान को इंसान नहीं समझा जाएगा
आज जो लोग सामाजिक जागरुकता सामाजिकता की बात करते हैं यदि इस समय एक होकर आगे नहीं बढ़ेगा आने वाला समय बहुत भयंकर होगा
आपके पास चाहे जितनी संपत्ति हो आपके पास चाहे जितनी बड़ी नौकरी हो आप चाहे जितनी बड़ी जमीदार हो
संविधान खत्म होने के बाद आप उसका बचाव नहीं कर सकते वह सब छीन लिया जाएगा आप कुछ नहीं कर पाएंगे
इसलिए
मेरी अपील है उन सभी वर्गों से जो नौकरी में हो व्यवसाय में हो सामाजिक
कार्यकर्ता हो या कुछ और कर रहे हो यह समय है साथ देने का जो जिस तरह से
सहयोग कर सकें वह सहयोग करें
अभी नहीं तो कभी नहीं?
जो
खुद का स्थाई रोजगार चला रहे हैं या नौकरी कर रहे हैं इस धोखे में ना रहे
कि वह सुरक्षित है इससे केवल गरीब ही प्रभावित नहीं होगा मजदूर ही प्रभावित
नहीं होगा क्योंकि उसके पास तो कुछ खोने के लिए है ही नहीं उसका लूटेगा
क्या?
कुछ वर्षों में जो
कुछ हुआ यदि उस का आकलन कर लें शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार सुरक्षा यह मूलभूत
अधिकार लगभग छीन लिए गए लेकिन आप चुप रहे क्योंकि आप अपने आप को सुरक्षित
महसूस कर रहे हैं
यदि इस घटना से कुछ प्रेरणा लिए हो कुछ समझ में आया हो तो अब चुप न रहकर संविधान बचाने की मुहिम में शामिल हो जाओ
देश को अमानवीयता में धकेलने के लिए यह उसका अंतिम प्रयास है
यह इसका प्रतिकार नहीं किया गया ताकत से विरोध नहीं किया गया तो सब कुछ खत्म फिर कुछ हाथ लगने वाला नहीं है
आओ हम सब मिलकर देश-समाज और संविधान बचाने के लिए संघर्ष करें
ताकि मानवीय मूल्य जिंदा रहे
एक कदम मानवता की ओर
जय मानवता जय संविधान
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